लोकतंत्र को जीवन्त बनाए रखने हेतु लोहिया ने चौखम्भा राज्य की परिकल्पना की थी जिसके तहत लोकतंत्र के चार खम्भे राष्ट्र, राज्य, शहर और ग्राम की स्वायत्ता एवं महता को पूर्णतः कायम रखने की बात कही गयी है। लोहिया का चौखम्भा राज्य का दर्शन लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण के आदर्श स्थिति को इंगित करती है। जो कि लोकतंत्र का मूल आधार है एवं सफल समाजवादी व्यवस्था के लिए एक आवश्यक शर्त है।
डॉ॰ सुनीता कुमारी. डॉ॰ लोहिया का चौखम्भा राज्य का दर्शन. International Journal of Social Research and Development, Volume 4, Issue 2, 2022, Pages 52-53