International Journal of Social Research and Development

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International Journal of Social Research and Development
International Journal of Social Research and Development
2022, Vol. 4, Issue 1
महिलाओं के घरेलू कार्यों का राष्ट्रीय विकास में योगदानः आर्थिक पहचान का नया दौर

डॉ सुनीता पारीक

देश के सभी व्यवसाय तथा उत्पादन को सकल घरेलू उत्पाद मे व्यवस्थित तरीके से आंकड़ों को भारत सरकार के द्वारा प्रत्येक वर्ष संग्रहण और जारी किया जाता है। लेकिन इसमें एक क्षेत्र की गिनती कभी भी भारत सरकार के द्वारा किसी संस्थान,विभाग, या अन्य माध्यम से नहीं की गई। लेकिन जनवरी 2021 मे सुप्रीम कोर्ट न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने महत्वपूर्ण फैसला किया और इसमें न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर और सूर्यकांत भी शामिल थे। इस फैसले ने महिलाओं के द्वारा घरेलू कार्य को एक महत्वपूर्ण उत्पादक कार्य तथा देश की अर्थव्यवस्था में योगदान के रूप में रेखांकित किया। प्रस्तुत लेख में महिला अधिकारों के संदर्भ में महिलाओं के द्वारा किए गए घरेलू कार्य का विश्लेषण तथा उसका राष्ट्र देश समाज और परिवार में योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका की विवेचना की जाएगी कि किस प्रकार से विकसित देशों में महिलाओं के द्वारा किए गए घरेलू कार्य को एक महत्वपूर्ण सम्मानजनक दृष्टि से समाज के द्वारा आर्थिक योगदान के संदर्भ में परिभाषित तथा उसके योगदान की चर्चा देश की सभी संस्थाओं के द्वारा समय-समय पर की जाती है। घरेलू कार्य का एक आर्थिक पक्ष के संदर्भ में समय-समय पर सरकारों के संस्थान तथा एनजीओ ने अपनी रिपोर्ट जारी करके घरेलू कार्य की भूमिका को सकल घरेलू उत्पाद के एक अंग के तौर पर दर्शाया है।
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How to cite this article:
डॉ सुनीता पारीक. महिलाओं के घरेलू कार्यों का राष्ट्रीय विकास में योगदानः आर्थिक पहचान का नया दौर. International Journal of Social Research and Development, Volume 4, Issue 1, 2022, Pages 38-41
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