धार्मिक क्रियाओं मे संलग्न तथा असंलग्न, सेवानिवृत्ति के बाद कार्यरत तथा अकार्यरत वृद्ध लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का तुलनात्मक अध्ययन
अजय कुमार चैधरी, लक्ष्मी कुमावत
भारतीय संस्कृति में बुजुर्गो को परिवार की प्रमुख शाखा के रूप में सम्मान दिया जाता है। बुजुर्ग परिवार में अपने अनुभवों को बांटते है तथा परिवार के सदस्य भी उन अनुभवों का लाभ उठाते है। बुजुर्ग परिवार के साथ-साथ समाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। ये स्वयंसेवक के रूप में सक्रिय भागीदारी निभाते है। प्रस्तुत शोध पत्र धार्मिक संलग्नता, असंलग्नता का बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करता हैं। अध्ययन हेतु उदयपुर शहर के 120 सेवानिवृत्ति के बाद कार्यरत तथा अकार्यरत बुजुर्ग जो धार्मिक क्रियाओं में संलग्न तथा असंलग्न होते हैं, को यादृच्छिक आधार पर न्यादर्श के रूप में चयनित किया गया। मानसिक स्वास्थ्य के अध्ययन हेतु जगदीश एवं श्रीवास्तव द्वारा निर्मित मेंटल हैल्थ इंवैंट्री का उपयोग किया गया। अध्ययन के परिणाम यह बताते हैं, कि धार्मिक क्रियाओं में संलग्न रहने वाले बुजुर्गों का मानसिक स्वास्थ्य धार्मिक क्रियाओं में असंलग्न रहने वाले बुजुर्गों की तुलना में अच्छा होता हैं।
अजय कुमार चैधरी, लक्ष्मी कुमावत. धार्मिक क्रियाओं मे संलग्न तथा असंलग्न, सेवानिवृत्ति के बाद कार्यरत तथा अकार्यरत वृद्ध लोगों के मानसिक स्वास्थ्य का तुलनात्मक अध्ययन. International Journal of Social Research and Development, Volume 4, Issue 1, 2022, Pages 1-9